रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बहिष्कार के बीच चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4296 करोड़ 62 लाख रुपये से अधिक का प्रथम अनुपूरक बजट को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही सदन ने तत् संबंधी झारखंड विनियोग (संख्या 3) विधायक 2025 को भी ध्वनिमत स्वीकृति प्रदान कर दी।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के कटौती प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया। भोजन अवकाश के बाद सत्येंद्र नाथ तिवारी ने अपना कटौती का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने राज्य सरकार की कमियों को उजागर किया।इस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि कटौती प्रस्ताव लाने की कोई आवश्यकता नहीं थी और यह कार्य संचालन नियमावली में भी नहीं है, क्योंकि पहले ही बजट पास हो चुका है।
इसी दौरान हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की बैठक 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक जब 3:30 बजे फिर से शुरू हुई, तो अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि इस अनुपूरक बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं के लिए प्रावधान किए गए हैं। अनुपूरक बजट में यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार का लक्ष्य विकास कार्यों को गति देना और जरूरतमंद वर्गों को लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने कहा की राज्य हित में और जनहित में प्रथम अनुपूरक बजट लाना जरूरी था। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार का वित्तीय प्रबंधन मजबूत है। सरकार की उपलब्धियां की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार कृषि पर अधिक खर्च कर रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा के विधायकों ने सदन का बहिर्गमन किया और फिर सदन ने ध्वनी मत से अनुपूरक बजट को पास कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस के विधायक राजेश कश्यप ने भी अपना विचार व्यक्त किया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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